UPSC Syllabus in Hindi Pdf | यूपीएससी सिलेबस PDF डाउनलोड

UPSC Syllabus: Upsc IAS, IPS, IFS, Other posts exam के लिए प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू का सिलेबस और एग्जाम पैटर्न हिंदी में दिया गया है जिसकी आप PDF भी Download कर सकते हैं।

UPSC CSE Exam के चरण

सिविल सर्विस परीक्षा तीन चरणों में होती है-

  • प्रारंभिक परीक्षा (Prelims Exam) : Objective
  • मुख्य परीक्षा (Mains Exam) : लिखित एग्जाम
  • साक्षात्कार (Interview)

Prelims UPSC Syllabus

प्रारंभिक परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकृति (Objective type) के दो प्रश्नपत्र होंगे। दोनों प्रश्नपत्र 200-200 अंकों के होंगे, पहले Paper General Studies में 2-2 अंकों के 100 प्रश्न होते हैं जबकि दूसरे प्रश्नपत्र CSAT में 2.5-2.5 अंकों के 80 प्रश्न।
 
दोनों पेपरों में Negative Marking होती है जिसके तहत 3 question के उत्तर गलत होने पर 1 सही उत्तर के बराबर अंक काट लिये जाते हैं। प्रीलिम्स एग्जाम में उम्मीदवारों का चयन सामान्य अध्ययन के नंबरों के आधार पर किया जाता है जबकि सीसैट का एग्जाम सिर्फ qualifying होता है और उसमें सिर्फ 33% marks लाने अनिवार्य होते हैं।

Mains Exam Syllabus

प्रश्नपत्र -1

  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएं।
  • भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन।
  • भारतीय और विश्व भूगोल – भारत और विश्व का भौतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल।
  • भारतीय राजनीति और शासन – संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, अधिकार मुद्दे, आदि।
  • आर्थिक और सामाजिक विकास – सतत विकास, गरीबी, समावेश, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र की पहल, आदि।
  • पर्यावरण पारिस्थितिकी, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन पर सामान्य मुद्दे – जिनके लिए विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है।
  • सामान्य विज्ञान

प्रश्नपत्र -2

  • बोधगम्यता (Comprehension)
  • संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल
  • तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता
  • निर्णय लेना और समस्या का समाधान
  • सामान्य मानसिक क्षमता
  • मूल संख्यात्मकता (संख्याएं और उनके संबंध, परिमाण के क्रम, आदि) (कक्षा X स्तर), डेटा व्याख्या (चार्ट, ग्राफ़, टेबल, डेटा पर्याप्तता, आदि। – कक्षा X स्तर)

मुख्य परीक्षा : Mains Upsc Syllabus

यूपीएससी सिलेबस: संघ लोक सेवा आयोग मुख्य परीक्षा प्रणाली
प्रश्नपत्र विषय अंक
1 निबंध 250
2 सामान्य अध्ययन-1: (भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल तथा समाज) 250
3 सामान्य अध्ययन-2: (शासन व्यवस्था, संविधान, राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध) 250
4 सामान्य अध्ययन-3: (प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा- प्रबंधन) 250
5 सामान्य अध्ययन-4: (नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिवृत्ति) 250
6 वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-1 250
7 वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-2 250
8 क्वालिफाइंग-1 अंग्रेज़ी भाषा 300
9 क्वालिफाइंग-2 हिंदी या संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कोई भाषा 300
लिखित परीक्षा 1750
व्यक्तित्व परीक्षण (Interview) 275
कुल योग 2025
  • दोनों क्वालिफाइंग प्रश्नपत्र 300-300 अंकों के होते हैं। जिनके अंक योग्यता निर्धारण के लिये नहीं जोड़े जाते हैं। इनमें न्यूनतम अर्हता अंक 25% (75) निर्धारित किये गए हैं।
  • उम्मीदवारों को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में से किसी में भी मुख्य परीक्षा के उत्तर देने की छूट होती है। अंग्रेजी तथा भारतीय भाषाओं के प्रश्न पत्रों के उत्तर उम्मीदवारों को अंग्रेजी तथा संबंधित भारतीय भाषा में देने होंगे। (अनुवाद को छोड़कर)।
  • प्रधान परीक्षा का उद्देश्य उम्मीदवारों के समग्र बौद्धिक गुणों तथा उनके गहन ज्ञान का आकलन करना है, मात्र उनकी सूचना के भंडार तथा स्मरण शक्ति का आकलन करना नहीं।
सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्रों (प्रश्न-पत्र – 2 से 5) के प्रश्नों का स्वरूप तथा इनका स्तर ऐसा होगा कि कोई भी सुशिक्षित व्यक्ति बिना किसी विशेष अध्ययन के इनका उत्तर दें सके। प्रश्न ऐसे होंगे जिनसे विविध विषयों पर उम्मीदवार की सामान्य जानकारी का परीक्षण किया जा सके और जो सिविल सेवा में कैरियर से संबंधित होंगे।
प्रश्न इस प्रकार के होंगे जो सभी प्रासंगिक विषयों के बारे में उम्मीदवार की आधारभूत समझ तथा परस्पर विरोधी सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों, उद्देश्यों और मांगों का विश्लेषण तथा इन पर दृष्टिकोण अपनाने की क्षमता का परीक्षण करें। उम्मीदवार संगत, सार्थक तथा सारगर्भित उत्तर दें।
 
वैकल्पिक विषय के प्रश्न-पत्रों (प्रश्न-पत्र – 6 तथा 7) के पाठ्यक्रम का स्तर मुख्य रूप से ऑनर्स डिग्री स्तर अर्थात् स्नातक डिग्री से ऊपर और स्नातकोत्तर (मास्टर्स) डिग्री से निम्नतर स्तर का है। इंजीनियरी, चिकित्सा विज्ञान और विधि के मामले में प्रश्न-पत्र का स्तर स्नातक की डिग्री के स्तर का है।
 

भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी पर अर्हक प्रश्न पत्र

इस प्रश्न पत्र का उद्देश्य अंग्रेजी तथा संबंधित भारतीय भाषा में अपने विचारों को स्पष्ट तथा सही रूप में प्रकट करना तथा गंभीर तर्कपूर्ण गद्य को पढ़ने और समझने में उम्मीदवार की योग्यता की परीक्षा करना है। प्रश्न पत्रों का स्वरूप आमतौर पर निम्न प्रकार का होगा :
  • दिए गए गद्यांशों को समझना
  • संक्षेपण
  • शब्द प्रयोग तथा शब्द भंडार
  • लघु निबंध
  • अंग्रेजी से भारतीय भाषा तथा भारतीय भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद

UPSC Syllabus विस्तारपूर्वक

प्रश्नपत्र -1

निबंध :- उम्मीदवार को विविध विषयों पर निबंध लिखना होगा। उनसे अपेक्षा की जाएगी कि वे निबंध के विषय पर ही केन्द्रित रहें तथा अपने विचारों को सुनियोजित रूप से व्यक्त करें और संक्षेप में लिखें। प्रभावी और सटीक अभिव्यक्ति के लिए अंक प्रदान किए जाएंगे।
 

प्रश्नपत्र – 2 (सामान्य अध्ययन-I)

  • भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।
  • 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।
  • स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान।
  • स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन।
  • विश्व के इतिहास में 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव।
  • भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएँ, भारत की विविधता।
  • महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय।
  • भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव।
  • सामाजिक सशक्तीकरण, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता।
  • विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ।
  • विश्व भर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए), विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिये ज़िम्मेदार कारक।
  • भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान- अति महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जल-स्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।
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प्रश्नपत्र – 3 (सामान्य अध्ययन-II)

  • भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
  • संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।
  • विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान।
  • भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना।
  • संसद और राज्य विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।
  • कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका।
  • जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ।
  • विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियाँ, कार्य और उत्तरदायित्व।
  • सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्द्ध-न्यायिक निकाय।
  • सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
  • विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग- गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका।
  • केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
  • गरीबी एवं भूख से संबंधित विषय।
  • शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय।
  • लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।
  • भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध।
  • द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
  • भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय।
  • महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश।
 

प्रश्नपत्र – 4 (सामान्य अध्ययन-III)

  • भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।
  • समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।
  • सरकारी बजट।
  • मुख्य फसलें- देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न- सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएँ; किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी।
  • प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र।
  • भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
  • भारत में भूमि सुधार।
  • उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव।
  • बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।
  • निवेश मॉडल।
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
  • सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता।
  • संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
  • आपदा और आपदा प्रबंधन।
  • विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध।
  • आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्त्वों की भूमिका।
  • संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना।
  • सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन- संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध।
  • विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएँ तथा उनके अधिदेश।

UPSC syllabus wise Previous Year Question Download

प्रश्नपत्र – 5 (सामान्य अध्ययन-IV)

इस प्रश्न-पत्र में ऐसे प्रश्न शामिल होंगे जो सार्वजनिक जीवन में उम्मीदवारों की सत्यनिष्ठा, ईमानदारी से संबंधित विषयों के प्रति उनकी अभिवृत्ति तथा उनके दृष्टिकोण तथा समाज से आचार-व्यवहार में विभिन्न मुद्दों तथा सामने आने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर उनकी मनोवृत्ति का परीक्षण करेंगे। इन आयामों का निर्धारण करने के लिये प्रश्न-पत्र में किसी मामले के अध्ययन (केस स्टडी) का माध्यम भी चुना जा सकता है। मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों को कवर किया जाएगा।
  • नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंधः मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्त्व, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र, मानवीय मूल्य- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।
  • अभिवृत्तिः सारांश (कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति; विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि; सामाजिक प्रभाव और धारण।
  • सिविल सेवा के लिये अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य- सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमज़ोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना।
  • भावनात्मक समझः अवधारणाएँ तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग।
  • भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।
  • लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था।
  • शासन व्यवस्था में ईमानदारीः लोक सेवा की अवधारणा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ।
  • उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडीज़)।
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UPSC Optional Subjects List

यूपीएससी में जो ऑप्शनल सब्जेक्ट होते हैं उनकी जानकारी नीचे दी गई है-

  • भूगोल
  • भारतीय इतिहास
  • अर्थशास्त्र
  • समाजशास्त्र
  • दर्शनशास्त्र
  • मानवशास्त्र
  • कृषि विज्ञान
  • प्रबंधन शास्त्र
  • पशुपालन और पशुचिकित्सा विज्ञान
  • गणित
  • यांत्रिक अभियांत्रिकी
  • वनस्पति विज्ञान
  • चिकित्सा विज्ञान
  • रसायन शास्त्र
  • जानपद अभियांत्रिकी
  • भौतिकी
  • वाणिज्य एवं लेखाशास्त्र
  • राजनीतिक विज्ञान एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध
  • मनोविज्ञान
  • विद्युत अभियांत्रिकी
  • लोक प्रशासन
  • भूविज्ञान
  • सांख्यिकी
  • विधि शास्त्र
  • प्राणी विज्ञान
  • भाषा साहित्य : हिन्दी, अंग्रेजी, असिमया, बोडो, डोगरी, मैथिली, नेपाली, गुजराती, संथाली, मणिपुरी, संस्कृत, सिंधी, बंगाली, कन्नड़, उड़िया, तमिल, कश्मीरी, तेलुगु, कोंकणी, उर्दू, मराठी, पंजाबी मलयालम.

UPSC Syllabus for Interview

  • उम्मीदवार का साक्षात्कार एक बोर्ड द्वारा होगा जिसके सामने उम्मीदवार के परिचयवृत्त का अभिलेख होगा उससे सामान्य रुचि की बातों पर प्रश्न पूछे जायेंगे । यह साक्षात्कार इस उद्देश्य से होगा कि सक्षम और निष्पक्ष प्रेक्षकों का बोर्ड यह जान सके कि उम्मीदवार लोक सेवा के लिए व्यक्तित्व की दृष्टि से उपयुक्त है या नहीं । यह परीक्षा उम्मीदवार की मानसिक क्षमता को जांचने के अभिप्राय से की जाती है । मोटे तौर पर इस परीक्षा का प्रयोजन वास्तव में न केवल उसके बौद्धिक गुणों को अपितु उसके सामाजिक लक्षणों और सामाजिक घटनाओं में उसकी रुचि का भी मूल्यांकन करना है । इसमें उम्मीदवार की मानसिक सतर्कता आलोचनात्मक ग्रहण शक्ति , स्पष्ट और तर्क संगत प्रतिपादन की शक्ति संतुलित निर्णय की शक्ति , रुचि की विविधता और गहराई नेतृत्व और सामाजिक संगठन की योग्यता , बौदधिक और नैतिक ईमानदारी की भी जांच की जा सकती है।
  • साक्षात्कार में प्रति परीक्षण ( कास एग्जामिनेशन ) की प्रणाली नहीं अपनाई जाती इसमें स्वाभाविक वार्तालाप के माध्यम से उम्मीदवार के मानसिक गुणों का पता लगाने का प्रयत्न किया जाता है , परन्तु वह वार्तालाप एक विशेष दिशा में और एक विशेष प्रयोजन से किया जाता है।
  • साक्षात्कार परीक्षण उम्मीदवारों के विशेष या सामान्य ज्ञान की जांच करने के प्रयोजन से नहीं किया जाता क्योंकि उसकी जांच लिखित प्रश्न पत्रों से पहले ही हो जाती है । उम्मीदवारों से आशा की जाती है कि वे न केवल अपने शैक्षणिक विशेष विषयों में ही पारंगत हो बल्कि उन घटनाओं पर भी ध्यान दें जो उनके चारों ओर अपने राज्य या देश के भीतर और बाहर घट रही हैं तथा आधुनिक विचारधारा और नई – नई खोजों में भी रूचि लें जो कि किसी सुशिक्षित युवक में जिज्ञासा पैदा कर सकती है।

UPSC Full Form: Union Public Service Commission

Official Website: upsc.gov.in

UPSC Syllabus PDF Download in Hindi

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FAQ

यूपीएससी का सिलेबस डाउनलोड कैसे करें?
आप आधिकारिक वेबसाइट या ऊपर दिए गए link से Syllabus डाउनलोड कर सकते हैं।
क्या UPSC सिलेबस हर साल बदलता है?
यूपीएससी के सिलेबस में हर साल बदलाव नहीं होता है।
UPSC में कितने अनिवार्य विषय?
prelims के बाद mains exam में 9 papers में 7 अनिवार्य विषय होते हैं और दो वैकल्पिक यानी optional subject के पेपर होते हैं।
क्या UPSC 1 साल में क्लियर हो सकता है?
अगर विद्यार्थी अच्छी तरह इसकी तैयारी करते हैं तो 1 साल में यूपीएससी की तैयारी कर सकते हैं।
आईएएस सैलरी कितनी होती है
नवीनतम 7वें वेतन आयोग के अनुसार, IAS अधिकारी का वेतन प्रति माह ₹56100 है, जो ₹56100 – 132000 प्रति माह हो जाता है।
आईएएस की सबसे छोटी पोस्ट कौन सी है?
एक आईएएस को सबसे छोटा पद किसी क्षेत्र में ADM यानी अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट और सबसे बड़ा पद कैबिनेट सेक्रेटरी केंद्र सरकार में ओर चीफ सेक्रेटरी राज्य सरकार में मिल सकता है।
कलेक्टर बनने के लिए कितनी उम्र चाहिए?
District Collector बनने के लिए उम्र न्यूनतम 21 वर्ष एवं अधिकतम 32 वर्ष होनी चाहिए।
UPSC क्लियर करने के बाद कलेक्टर बनने में कितने साल लगते हैं?
Upsc उत्तीर्ण करने के बाद 2 साल का प्रशिक्षण, एसडीएम (या सब कलेक्टर) के रूप में 2 साल की परिवीक्षा अवधि, फिर 2 साल का अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर, फिर कलेक्टर या डीसी। यानी यूपीएससी क्लियर करने के बाद कुल 6 साल।
क्या आईएएस के लिए गणित महत्वपूर्ण है?
गणित केवल यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के लिए अनिवार्य है और कक्षा दसवीं स्तर के गणित की बुनियादी समझ आवश्यक है।

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